सुना करो मेरी जान इन से उन से अफ़साने [अफ़साने(fiction) = कल्पित कथा]
सब अजनबी है यहाँ कौन किसको पहचाने
यहाँ से जल्दी गुज़र जाओ काफिले वालों [क़ाफ़िले (caravan)]
है मेरी प्यास के फूके हुये ये वीराने
मेरी जूनून-ए-परस्तिश से तंग आ गए लोग [जूनून(frenzy) = सनक] [परस्तिश(worship) = पूजा]
सूना है बंद किये जा रहे है बुत-खाने [बुत-खाने(idol temple) = मंदिर]
जहाँ से पिछले पहर कोई तशना -काम उठा [तशना-काम(thirsty) = प्यासा]
वहीं पर तोड़े है यारों ने आज पैमाने
बहार आये तो मेरा सलाम कह देना
मुझे तो आज तलब कर लिया है सेहरा ने [तलब(called for)] [सेहरा(desert)= मरुस्थल]
हुआ है हुक्म के कैफी को संग-सार करो [संग-सार(stoning)= पत्थरो से मारना]
मशिह बैठे हैं छुप के कहॉ खूदा जाने [मशिह(messiah)= मसीहा]
-कैफ़ी आज़मी
सब अजनबी है यहाँ कौन किसको पहचाने
यहाँ से जल्दी गुज़र जाओ काफिले वालों [क़ाफ़िले (caravan)]
है मेरी प्यास के फूके हुये ये वीराने
मेरी जूनून-ए-परस्तिश से तंग आ गए लोग [जूनून(frenzy) = सनक] [परस्तिश(worship) = पूजा]
सूना है बंद किये जा रहे है बुत-खाने [बुत-खाने(idol temple) = मंदिर]
जहाँ से पिछले पहर कोई तशना -काम उठा [तशना-काम(thirsty) = प्यासा]
वहीं पर तोड़े है यारों ने आज पैमाने
बहार आये तो मेरा सलाम कह देना
मुझे तो आज तलब कर लिया है सेहरा ने [तलब(called for)] [सेहरा(desert)= मरुस्थल]
हुआ है हुक्म के कैफी को संग-सार करो [संग-सार(stoning)= पत्थरो से मारना]
मशिह बैठे हैं छुप के कहॉ खूदा जाने [मशिह(messiah)= मसीहा]
-कैफ़ी आज़मी
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