आनंद
मौत तू एक कविता है,
मुझसे एक कविता का वादा है मिलेगी मुझको
डूबती नब्ज़ों में जब दर्द को नींद आने लगे
ज़र्द सा चेहरा लिये जब चांद उफक तक पहुचे
दिन अभी पानी में हो, रात किनारे के करीब
ना अंधेरा ना उजाला हो, ना अभी रात ना दिन
मुझसे एक कविता का वादा है मिलेगी मुझको
-गुलज़ार(आनंद फ़िल्म से)
टिप्पणियाँ
एक टिप्पणी भेजें