वो जो आये हयात याद आयी
भूली बिसरी सी बात याद आयी
हाल-ए-दिल कह के जब लौटे
उनसे कहने कि बात याद आयी
आपने दिन बना दिया था जिसे
ज़िन्दगी भर वो रात याद आयी
तेरे दर से उठे हि थे कि हमें
तंगी-ए-कायनात याद आयी
- खुमार बाराबंकवी
भूली बिसरी सी बात याद आयी
हाल-ए-दिल कह के जब लौटे
उनसे कहने कि बात याद आयी
आपने दिन बना दिया था जिसे
ज़िन्दगी भर वो रात याद आयी
तेरे दर से उठे हि थे कि हमें
तंगी-ए-कायनात याद आयी
- खुमार बाराबंकवी
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